बुधवार के दिन से या शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से प्रारम्भ करके भगवान गणपति की प्रतिमा का पंचोपचार पूजन करके मूंगे या लाल चन्दन की माला से ११ माला प्रतिदिन के क्रम से जपें यह मंत्र - गं गणपतये नमः
चतुर्थी और बुधवार के दिन भगवान के मंदिर में जाकर प्रसाद अर्पण करें।
घर में पैसा रखने वाली अलमारी का मुंह सदैव उत्तर दिशा की तरफ़ रखना चाहिए ऐसा करने से घर में लक्ष्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती रहती है तथा सुख -समृद्धि बनी रहती है।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बरगद के पेड़ की जड़ का एक टुकड़ा ले आयें। फिर उस टुकड़े को किसी कपड़े में लपेटकर स्त्री अपनी भुजा में बाँध लें। इस प्रयोग से बाँझ स्त्री के भी संतान उत्पन्न होती है ऐसा माना जाता है।
स्त्री अपनेमासिक - धर्म के दिनों में पलाश के पेड़ का एक पत्ता लेकर उसे बछड़े वाली गाय के दूध में पीसकर पी जाये। फिर मासिक धर्म समाप्त होने के बाद स्नान करके उसी रात सम्भोग करे तो इससे गर्भ ठहरकर ,संतान की प्राप्ति अवश्य होगी ।
नीम के पत्ते और कड़वा तेल-इन दोनों को मिलाकर खूब अच्छी तरह उबालें। फिर आग से उतारकर इसकी भाप से बिच्छू द्वारा काटे गए स्थान को सेंकने से बिच्छू का विष उतर जाता है।
उत्तम श्वेतवर्ण दक्षिणावर्ती शंख का जोड़ा घर में रखने से व्यक्ति सदा पराक्रमी और विजयी होता है एवं सुख समृद्धि पाता है। लक्ष्मी स्वयं स्थिर होकर निवास करती हैं। नियमित रूप से इसके दर्शन व पूजन करने से अभीष्ट मनोरथ सिद्ध होते हैं।
अनेक प्रयास करने पर भी व्यापार में यदि उन्नति न हो पा रही हो तो श्यामा तुलसी के चारों ओर उग आई कहर पतवार को किसी पीले कपड़े में बाँध कर व्यापार स्थल पर रख दें। यह क्रिया गुरूवार को ही करें।
सरस्वती यन्त्र का शुद्ध जल से अभिषेक करके गंध,पुष्प,धूप,दीप से पूजन करके शुक्ल पक्ष में बृहस्पति अथवा पंचमी,दशमी या पूर्णिमा को अपने घर में प्रातःकाल स्थापित करें तथा 41 दिन तक निम्न मंत्र का नित्य एक माला जप करें :
अगर किसी को अपनी नौकरी में तबादले या स्थान्तरण को लेकर कोई समस्या है तो तांबे की गडवी/ लोटे में लाल मिर्ची के बीज डालकर सूर्य को चढाने से समस्या दूर होती है. सूर्य को यह जल लगातार 21 दिनों तक चढाये।
यदि पति किसी बुरी संगति में हो या किसी दूसरी नारी के मोहजाल में हो तो रविवार को घर में गुग्गुल की धुनी दें। गुग्गुल को जलाने से पहले उस स्त्री या व्यक्ति का नाम लेकर गुग्गुल जलाए। वह उस स्त्री का साथ छोड़ देगा।
प्रत्येक सोमवार को जल में दूध मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से आपके बच्चे के दिमाग को शीतलता प्राप्त होती है तथा उन्नति के प्रत्येक क्षेत्र में ध्यान केंद्रित होने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
शनि व राहु की कुद्रष्टि से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को थोड़ा सा सरसो का तेल लेकर पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में सात बार उतार कर दान कर देना चाहिए ऐसा करने से शीघ्र ही शनि व राहु की कुद्रष्टि से मुक्ति मिल जाएगी।