कोई व्यक्ति (या शत्रु) बहुत ज्यादा परेशान कर रहा हो तो किसी मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी की प्रतिमा के मस्तक के सिंदूर से एक मोर पंख पर उस शत्रु का नाम लिखें तथा घर के मंदिर में रात भर रखें। सुबह उठकर बिना नहाए-धोए तथा बिना किसी से बात किए बहते पानी में उस मोरपंख को बहा दें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा शत्रु भी मित्र बन जाता है और आपका साथ देने लगता है।
यह पंख मोर के द्वारा प्राकृतिक रूप से गिराया हुआ होना चाहिए।इसकी वजह से मोर को किसी भी प्रकार की हानि पहुँचाना वर्जित है।
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