यदि अत्यधिक प्रयासों के बावजूद भी रोगों से पीछा नहीं छूट रहा हो, आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको अवश्य लाभ देगी। हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नान करने के पश्चात मंगलवार के दिन हनुमान जी का ध्यान करते हुए पूजन करें। लाल कपड़े में 700 ग्राम रेवडिय़ां बांधकर पोटली बनाकर अपने पूजा स्थान में रख दें। घी का दीपक जलाकर संकटमोचन हनुमानष्टक के 11 पाठ करें। ततपश्चात यह पोटली अपने ऊपर से 7 बार उसार करके बहते पानी या सरोवर में प्रवाहित कर दें। पूजा के बाद गरीब बच्चों को मीठे परांठे खिलाना भी लाभयदायक रहेगा। यदि आप विभिन्न रोगों से परेशान हैं तो श्री हनुमान जी का तीव्र रोग हर मंत्र का जप करनें,तथा जल अभिमंत्रित कर पीने से असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं । तांबे के पात्र में जल भरकर सामने रख श्री हनुमान जी का ध्यान कर मंत्र जप कर जलपान करने से शीघ्र रोग दूर हो जाते हैं ।श्री हनुमान जी का ध्यान करइस मंत्र का जप करें।
मंत्र :=ॐ नमो भगवते सप्त वदनाय षष्ट गोमुखाय,सूर्य रुपाय सर्व रोग हराय मुक्तिदात्रे ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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